अजीब रंगों में गुज़री है

अजीब रंगों में गुज़री है मेरी ज़िन्दगी, दिलों पे राज किया पर मुहब्बत को तरस गए..

तुम नफरतों के धरने

तुम नफरतों के धरने,क़यामत तक ज़ारी रखो। मैं मोहब्बत से इस्तीफ़ा,मरते दम तक नहीं दूंगी।

पथ्थर समझ के हमें

पथ्थर समझ के हमें मत ठुकराओ , कल हम मंदिर में भी हो सकते हैं ।

तू रख वो हौसला

तू रख वो हौसला वो मंजर भी आएगा, प्यासे के पास चल कर समुन्दर भी आएगा, थक हार के ना रूकना- ए- मंजिल के मुसाफिर, मंजिल भी मिलेगी मिलने का मजा भी आएगा..

जो दिल से

जो दिल से सच्चे होते है ना, कसम से मकान उनके ही गिरते है..

ज़िंदगी बदल देती है

मोहब्बत ज़िंदगी बदल देती है, मिल जाए तो भी ना मिले तो भी..

मैं राज़ तुझसे कहूँ

मैं राज़ तुझसे कहूँ, हमराज़ बन जा ज़रा. करनी है कुछ गूफतगू, अलफ़ाज बन जा ज़रा…

मुझे गुनहगार साबित करने की

मुझे गुनहगार साबित करने की ज़हमत ना उठा, बस ख़बर कर दे क्या क्या क़ुबूल करना है…!

लिफाफे मे बंद कर लो

लिफाफे मे बंद कर लो तुम अपनी ये जिंदगी.. खुली किताब के पन्ने अक्सर उड़ जाया करते हॆ…

टोक देता है

टोक देता है क़दम जब भी गलत उठता है ऐसा लगता है कोई मुझसे बड़ा है मुझमें

Exit mobile version