मेरे अज़ीज़ ही मुझ को ना समझ पाये कभी.. मैंअपना हाल किसी अजनबी से क्या कहता |
Category: हिंदी
आँखों पर पट्टी बांधी
पहले से कुछ साफ़ नज़र आई दुनिया जब से हमने आँखों पर पट्टी बांधी|
यकीन कि कशतीयां
यकीन कि कशतीयां यु ही नही डुबी मेरी .. मेने देखा है तुम्हे गैरो का होते हुएँ|
एक काम करते हैं
चलो एक काम करते हैं नफ़रत को बदनाम करते हैं|
जरुरत नहीं थी
जरुरत नहीं थी असलियत में शायद.. कर्ज़दार हुए हम शौक ही शौक में..!!
बड़े सादगी से
बड़े सादगी से हाल पूछा उन्होंने हमारा, हमने वही जो तुमने बन रखा है…
आईना हो जाये मेरा इश्क़
आईना हो जाये मेरा इश्क़, उनके हुस्न का …. क्या मज़ा हो दर्द,अगर खुद ही दवा लेने लगे…
तराजू मोहब्बत का
तराजू मोहब्बत का था बेवफाई भारी पड गयी|
कोई बतलाता नहीं
पूछता हूँ सब से कोई बतलाता नहीं बेबसी की मौत मरते हैं सुख़न-वर किस लिए|
चंद रातों के ख्वाब
चंद रातों के ख्वाब, उम्रभर की नींद माँगते है…!!!