कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई आओ कहीं शराब पिएँ रात हो गई..!!
Category: शायरी
जनाजे लौट के आते
जनाजे लौट के आते, तो उनको सबूत मिल जाते …! जांबाज लौट के आ गये, ये क्या बदकिस्मती हो गयी ?
किसी को अपना बनाओ
किसी को अपना बनाओ.. तो दिल से बनाओ..!! सुई में वही धागा प्रवेश कर सकता है जिस धागे में कोई गाँठ ना हो..!!
जरा सी मोहब्बत
जरा सी मोहब्बत क्या पी ली कि जिन्दगी अब तक लड़खड़ा रही है….
गुज़ारिश थी तुम्हारी
गुज़ारिश थी तुम्हारी, तो बदल ली रहगुज़र, हमने !
पूछते लोग हैं
पूछते लोग हैं , मुझसे , इस, बेखुदी की वज़ह , मैं तेरा नाम , बताने की , ख़ता कैसे करूँ?
हर एक लम्हा
हर एक लम्हा किया क़र्ज़ ज़िंदगी का अदा, कुछ अपना हक़ भी था हम पर वही अदा न हुआ…
जिंदगी मेरे कानो मे
जिंदगी मेरे कानो मे अभी होले से कुछ कह गई, उन रिश्तो को संभाले रखना जिन के बिना गुज़ारा नहीं होता–
ना शाख़ों ने
ना शाख़ों ने जगह दी ना हवाओ ने बक़शा, वो पत्ता आवारा ना बनता तो क्या करता…?
जो अंधेरे की तरह
जो अंधेरे की तरह डसते रहे ,अब उजाले की कसम खाने लगे चंद मुर्दे बैठकर श्मशान में ,ज़िंदगी का अर्थ समझाने लगे!!