बख्शे हम भी न गए, बख्शे तुम भी न जाओगे..! वक्त जानता है….हर चेहरे को बेनकाब करना|
Category: व्यंग्यशायरी
खता उनकी भी नही
खता उनकी भी नही यारो वो भी क्या करते…. बहुत चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते..
छुपे छुपे से रहते हैं
छुपे छुपे से रहते हैं सरेआम नहीं हुआ करते कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं उनके नाम नहीं हुआ करते|
बहुत मजबूत हूँ
बहुत मजबूत हूँ मैं ये पूरी दुनियाँ जानती है बहुत कमजोर हूँ मैं ये सिर्फ तुम जानते हो|
ये मत कहो
ये मत कहो ख़ुदा से मेरी मुश्किले बड़ी हैं ये मुश्किलों से कह दो मेरा ख़ुदा बड़ा है।
उम्र छोटी है
उम्र छोटी है तो क्या, ज़िंदगी का हरेक मंज़र देखा है, फरेबी मुस्कुराहटें देखी हैं, बगल में खंजर देखा है।
ये जो तुम्हारे चेहरे पर
ये जो तुम्हारे चेहरे पर गुलाबी सी रंगत है, गौर करना कभी ये मेरी बरसों की मेहनत है।
मुहब्बत की जुबान
मुहब्बत की जुबान यहां तक आये हो कुछ ज़ुबान से कह दो लफ्ज़ मुहब्बत नहीं कह सकते सलाम तो कह दो पलकें तो उठाओ अपनी इतनी भी हया कैसी ज़ुबान से नहीं कुछ कहते निगाह से ही कह दो दिल को यकीन आये कहदो आप हमारे हो अपने लिखे खतों का जवाब साथ लाए हो|
प्यार को लफ्ज़ो में
प्यार को लफ्ज़ो में न बयाँ कर सकते कभी इसे बस महसूस करो,एहसास ही रहने दो? धड़कते दिल को जिस्मी सकून मिलता जो नश नश में हकिकी रवानगी,इश्क रहने दो!
ऐसा क्या लिखूं
ऐसा क्या लिखूं की तेरे दिल को तसल्ली हो जाए ।। क्या ये बताना काफी नहीं की मेरी जिंदगी तुम हो ।।