जिंदगी समझ बैठे

जो मिलते हैं वो बिछड़ते भी हैं साहिब, हम नादान थे … एक शाम की मुलाकात को .. जिंदगी समझ बैठे ..

किसको बताएं कब से हम ज़िन्दगी के राही

किसको बताएं कब से हम ज़िन्दगी के राही फूलों की आरज़ू में काँटों पे चल रहे हैं

मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती

मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती, अपना वजूद भूलाना पडता है,किसी को अपना बनाने के लिए.

इतना मत मुस्कुराना की नजर लग जाए

कभी इतना मत मुस्कुराना की नजर लग जाए जमाने की, हर आँख मेरी तरह मोहब्बत की नही होती….!!!

हजारों चेहरों में

हजारों चेहरों में,एक तुम ही थे जिस पर हम मर मिटे वरना.. ना चाहतों की कमी थी,और ना चाहने वालों की…!!

औकात क्या है तेरी

औकात क्या है तेरी, “ए जिँदगी” चार दिन कि मुहोब्बत तुझे तबाह कर देती है…..iii

हम भी फूलों की तरह कितने बेबस है

हम भी फूलों की तरह कितने बेबस है, कभी खुद टूट जाते हैं तो कभी लोग तोड ले जाते हैं…!!!

हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये

हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये , जो मेरी ग़ैर मौजूदगी मैं, मेरी बुराई ना सुन सके !!

बेशक तेरे कॉल की कोई उम्मीद

बेशक तेरे कॉल की कोई उम्मीद तो नहीं लेकिन.. पता नहीं क्या सोच कर मैं आज भी नम्बर नहीं बदलता…!!

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