अजब ये है कि

अजब ये है कि मोहब्बत नहीं की अब तक; ग़ज़ब ये है कि फिर भी शायरी का हुनर रखते हैं…

तैरते तैरते डूब गये

वो तैरते तैरते डूब गये, जिन्हे खुद पर गुमान था… और वो डूबते डूबते भी तर गये.. जिन पर तू मेहरबान था ।

बस इतनी सी बात पर

बस इतनी सी बात पर हमारा परिचय तमाम होता है ! हम उस रास्ते नही जाते जो रास्ता आम होता है…!!!

जिन्दगी जीने का मजा

जिन्दगी जीने का मजा तब तक जब तक वो जरा अधूरी रही, मौका दूसरा हर किसी के मुकद्दर में हो ये जरूरी नहीं।।

हर तरफ नफ़रतों की बू

हर तरफ नफ़रतों की बू से जी भर गया है अब शर्बत-ए-अल्फाज़ से चलो कड़वाहट मिटा दी जाये….

न रूठना हमसे

न रूठना हमसे हम मर जायेंगे दिल की दुनिया तबाह कर जायेंगे प्यार किया है हमने कोई मजाक नहीं दिल की धड़कन तेरे नाम कर जायेंगे|

दिल खामोश है

दिल खामोश है मगर होंठ हँसा करते हैं बस्ती वीरान है मगर लोग बसा करते हैं नशा मयकदों में अब कँहा है यारों.. लोग अब मय का नहीं. “मैं ” का नशा करते हैं…….

मैं भी हूँ

मैं भी हूँ….. तुम भी हो फिर भी न तुम-तुम हो मुझ बिन न मैं हूँ तुमबिन.

गिरवी रह जाऐगे

मैं रहूँ, ना रहूँ, …मेरी यादें मेरी सांसें , मेरे एहसास, मेरे अल्फ़ाज़ सब तुम्हारे पास गिरवी रह जाऐगे |

माना वो थोड़े से

माना वो थोड़े से रूखे रूखे है….!! पर ये भी सच है कि मोहब्बत हम उन्ही से सीखे है…

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