किस किस को लूटा है

जाने किस किस को लूटा है इस चोर ने मसीहा बनकर, के आओ सब मिलकर इश्क पे मुकदमा कर दें…

हम आज भी नही रखते

नाराजगी चाहे कितनी भी क्यो न हो तुमसे तुम्हें छोड़ देने का ख्याल हम आज भी नही रखते |

एक मैं हूँ

एक मैं हूँ , किया ना कभी सवाल कोई, एक तुम हो , जिसका कोई नहीं जवाब.

फलसफा सीखना है

फलसफा सीखना है ज़िंदगी का उन परिंदों से, जो कूड़े में पड़ा गेंहू का दाना ढूंढ लेते हैं।।

कौन कहता है

कौन कहता है ,आंसुओं में वजन नहीं होता एक आंसू भी छलक जाता है तो मन हल्का हो जाता |

मुस्कुरा देता हूं

मुस्कुरा देता हूं अक्सर देख कर पुराने खत तेरे.. तु झुठ भी कितनी सच्चाई से लिखती थी…!!

क्या हो जब इश्क

क्या हो जब इश्क अकेलेपन से हो जाए.. साथ होना किसी का या ना होना इक सी बात हो जाए..!!

मौसम को इशारों से

मौसम को इशारों से बुला क्यूँ नहीं लेते रूठा है अगर वो तो मना क्यूँ नहीं लेते दीवाना तुम्हारा है कोई ग़ैर नहीं है मचला भी तो सीने से लगा क्यूँ नहीं लेते ख़त लिख कर कभी और कभी ख़त को जलाकर तन्हाई को रंगीन बना क्यूँ नहीं लेते तुम जाग रहे हो, मुझे अच्छा… Continue reading मौसम को इशारों से

इस तरह मिली वो मुझे

इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद, जैसे हक़ीक़त मिली हो ख़यालों के बाद, मैं पूछता रहा उस से ख़तायें अपनी, वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद|

कुछ लोग कहते है

कुछ लोग कहते है की बदल गया हूँ मैं, उनको ये नहीं पता की संभल गया हूँ मैं, उदासी आज भी मेरे चेहरे से झलकती है, पर अब दर्द में भी मुस्कुराना सीख गया हूँ मैं|

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