मेरी तलाश का जुर्म है या मेरी वफ़ा का कसूर…!! जो भी दिल के करीब आया वही “बेवफ़ा” निकला…!!
Category: प्यारी शायरी
बेवजह अब ज़िन्दगी में
बेवजह अब ज़िन्दगी में प्यार के बीज न बोए कोई…!! मोहब्बत के पेड़ हमेशा ग़म की बारिश ही लाते हैं…!!
चलो ये ज़िन्दगी
चलो ये ज़िन्दगी अब तुम्हारे नाम करते हैं…!!सुना है बेवफ़ा की बेवफ़ा से खूब बनती है…!!
कभी मतलब के लिए
कभी मतलब के लिए तो कभी दिल्लगी के लिए…!! हर कोई मोहब्बत ढूंढ रहा है यहाँ अपनी ज़िन्दगी के लिए…!!
तुमने तो फिर भी
तुमने तो फिर भी सीख लिया नसीहतें देना.. हम कुछ न कर सके, मोहब्बत के सिवा.. !!
तोड़ कर जोड़ ले
तोड़ कर जोड़ ले चाहे कोई भी चीज़ दुनिया की, हर चीज़ काबिले-मरम्मत है एतबार के सिवा!!!
खामोशियाँ यूँ ही
खामोशियाँ यूँ ही बेवजह नहीं होतीं… कुछ दर्द भी आवाज़ छीन लिया करते हैं…
शमा भी जल कर
शमा भी जल कर बुझ गई रात ढ़ले , फिर भी सोच रहे मोहब्बत क्या है|
जो जहर हलाहल है
जो जहर हलाहल है वो ही अमृत है नादान, मालूम नही तुझको अंदाज है पीने के ।
वो जो चेहरे पे
वो जो चेहरे पे लिखी दास्तान ना पढ़पाया,फ़ायदा नहीं कुछ उसको हाल-ए-दिल सुनाने का |