क्या लूटेगा जमाना खुशियों को मेरी.. मैं तो खुद अपनी खुशियाँ दूसरों पर लुटा कर जीता हूँ….
Category: प्यारी शायरी
बिछड़ने का इरादा
बहुत नजदीक आ जाते हैं वो लोग, जो बिछड़ने का इरादा रखते है…!!.
बच्चे मेरे गली के
बच्चे मेरे गली के बहुत ही शरारती हैं, आज फिर तुम्हारा नाम मेरी दीवार पर लिख गये..
कुछ दूर हो गये हैं
जब से वो मशहूर हो गये हैं, हमसे कुछ दूर हो गये हैं…
आदत छोड़ दी है
कुछ तब्दिलियाँ और समझौते कर लिए हैं हालात – ए ज़िदंगी से हमने अब आकाश में मौन तलाशते हैं और पीछे मुड़ कर देखने की आदत छोड़ दी है !!
क्या ऐसा नही हो सकता
क्या ऐसा नही हो सकता ….. हम प्यार मांगे, और तुम गले लगा कर कहो…. “और कुछ”
कौन कहता है
कौन कहता है तस्वीरें जुआ नहीं खेलती… हर दिल हारा है… तेरी सूरत देखकर…!!!
थोड़ी सी तन्हाई
थोड़ी सी तकलीफ थोड़ी सी तन्हाई रहती है हरदम.. हां…मैं उसकी यादों के बाजार में टहलता हूँ।
बात मोहब्बत की थी
बात मोहब्बत की थी, तभी तो लूटा दी जिंदगी तुझ पे……! जिस्म से प्यार होता तो…. तुझ से भी हसीन चेहरे बिकते है,बाजार में….!!
हो सके तो
हो सके तो, अब के कोई सौदा न करना…………!! . मैं पिछली मोहब्बत में, सब हार आया हूँ…………