न रूठना हमसे हम मर जायेंगे दिल की दुनिया तबाह कर जायेंगे प्यार किया है हमने कोई मजाक नहीं दिल की धड़कन तेरे नाम कर जायेंगे|
Category: पारिवारिक शायरी
माना वो थोड़े से
माना वो थोड़े से रूखे – रूखे है….!!पर ये भी सच है कि मोहब्बत हम उन्ही से सीखे है…
काश कभी ऐसा भी हुआ
काश कभी ऐसा भी हुआ होता, मेरी कमी ने तुझे उदास किया होता ..
हम भी ख़ामोश रहे
हम भी ख़ामोश रहे तुमने भी लब सी डाले दोनो चुप चाप सुलगते रहे तनहाँ तनहाँ|
कहने को ज़िन्दगी थी
कहने को ज़िन्दगी थी बहुत मुख़्तसर मगर..! कुछ यूँ बसर हुई कि ख़ुदा याद आ गया…!!
मुझसे मिलना है
मुझसे मिलना है तो समुन्दर की गहराई में आना होगा… मैं बेजान लाश नहीं जो तैरकर ऊपर आऊ…!!
जो जहर हलाहल है
जो जहर हलाहल है वो ही अमृत है नादान, मालूम नही तुझको अंदाज है पीने के ।।
तेरा प्यार मुझको
तेरा प्यार मुझको तड़पाता ही रहता है! तेरा ख्वाब मुझको तरसाता ही रहता है! बन चुकी है जिन्द़गी जुल्मों-सितम की यादें, मेरा नसीब मुझको तो रुलाता ही रहता है!
तेरे बगैर गुजरता नहीं
एक उम्र है जो तेरे बगैर गुजारनी है., और एक लम्हा है जो तेरे बगैर गुजरता नहीं……….
चींटियां इर्द गिर्द थीं
चींटियां इर्द गिर्द थीं मेरे तल्ख़ होना बहोत ज़रूरी था|