बुलबुल के परो में बाज नहीं होते ,,
कमजोर और बुजदिलो के हाथो में राज नहीं होते,,
जिन्हें पड़ जाती है झुक कर चलने की आदत,,
दोस्तों उन “सिरों” पर कभी “ताज” नहीं होते।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बुलबुल के परो में बाज नहीं होते ,,
कमजोर और बुजदिलो के हाथो में राज नहीं होते,,
जिन्हें पड़ जाती है झुक कर चलने की आदत,,
दोस्तों उन “सिरों” पर कभी “ताज” नहीं होते।