रहता है मशग़ला जहाँ बस वाह-वाह का
मैं भी हूँ इक फ़कीर उसी ख़ानक़ाह का
मुझसे मिल बग़ैर कहाँ जाइयेगा आप
इक संगे-मील हूँ मैं मोहब्बत की राह का
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
रहता है मशग़ला जहाँ बस वाह-वाह का
मैं भी हूँ इक फ़कीर उसी ख़ानक़ाह का
मुझसे मिल बग़ैर कहाँ जाइयेगा आप
इक संगे-मील हूँ मैं मोहब्बत की राह का