दुआ तो दिल से मांगी जाती है, जुबां से नहीं,
क़बूल तो उसकी भी होती है, जिसकी ज़ुबान नहीं होती|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दुआ तो दिल से मांगी जाती है, जुबां से नहीं,
क़बूल तो उसकी भी होती है, जिसकी ज़ुबान नहीं होती|