सुखे पत्तों की तरह बिखरा हुआ था मैं ,
किसी ने बड़े प्यार से समेटा…….
.फिर आग लगा दी !
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सुखे पत्तों की तरह बिखरा हुआ था मैं ,
किसी ने बड़े प्यार से समेटा…….
.फिर आग लगा दी !