by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, Zindagi Shayri, गुस्ताखियां शायरी, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, प्यार शायरी, प्यारी शायरी, वक्त-शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - September 17, 2016 कीमत तो खूब बड़ गई कीमत तो खूब बड़ गई शहरों मे धान की.. बेटी विदा न हो सकी फिर भी किसान की..