कोई तो लिखता होगा इन कागज़ के ज़र्रों और इन पत्थरों का नसीब,
वरना यह मुमकिन नहीं कि कोई पत्थर ठोकर खाए,आैर कोई भगवान हो जाए….
कोई कागज़ रद्दी बन जाए तो कोई कागज़ गीता या कुरान हो जाए…!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कोई तो लिखता होगा इन कागज़ के ज़र्रों और इन पत्थरों का नसीब,
वरना यह मुमकिन नहीं कि कोई पत्थर ठोकर खाए,आैर कोई भगवान हो जाए….
कोई कागज़ रद्दी बन जाए तो कोई कागज़ गीता या कुरान हो जाए…!