by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, प्यारी शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्यशायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, शायरी, हिंदी शायरी - November 10, 2016 शाम ढलते ही शाम ढलते ही दरवाजे पर इंतज़ार करती हैं, तेरी यादें आज भी हमें उतना ही प्यार करती हैं।