वो जिसका तीर चुपके से जिगर के पार होता है,
वो कोई गैर क्या अपना ही रिश्तेदार होता हैl
किसी से भूल कर भी अपने दिल की बात मत कहना,
यहाँ ख़त भी जरा-सी देर में अखबार होता हैl
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वो जिसका तीर चुपके से जिगर के पार होता है,
वो कोई गैर क्या अपना ही रिश्तेदार होता हैl
किसी से भूल कर भी अपने दिल की बात मत कहना,
यहाँ ख़त भी जरा-सी देर में अखबार होता हैl