मैं खुद ही कृष्ण भी और खुद ही अर्जुन हूँ इस रण का,
रोज़ अपना सारथी बनकर जीवन की महाभारत लड़ता हूँ
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मैं खुद ही कृष्ण भी और खुद ही अर्जुन हूँ इस रण का,
रोज़ अपना सारथी बनकर जीवन की महाभारत लड़ता हूँ