तहज़ीब, सलीका, अदब, हया, ये तुम जानो,हम तो आशिक लोग हैं बस इश्क किया करते है…!
by pyarishayri - Hindi Shayri, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, दोस्ती शायरी, नफ़रत शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी -
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तहज़ीब, सलीका, अदब, हया, ये तुम जानो,हम तो आशिक लोग हैं बस इश्क किया करते है…!