तेरे हुस्न की तारीफ मेरी शायरी के बस की नहीं….
तुझ जैसी कोई और कायनात में ही नहीं बनी….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तेरे हुस्न की तारीफ मेरी शायरी के बस की नहीं….
तुझ जैसी कोई और कायनात में ही नहीं बनी….