जमीर का फ़क़ीर ना सही,
बेअक्ल या सग़ीर नहीं हूँ मैं ।
दौलत से अमीर ख़ुदा ने नवाजा नहीं,
मगर दिल का गरीब नहीं हूँ मैं |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जमीर का फ़क़ीर ना सही,
बेअक्ल या सग़ीर नहीं हूँ मैं ।
दौलत से अमीर ख़ुदा ने नवाजा नहीं,
मगर दिल का गरीब नहीं हूँ मैं |