हो तू दुनिया में मगर, दुनिया का तलबगार न हो।
सिर्फ बाजार से गुजरे, पर इस से सरोकार न हो
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हो तू दुनिया में मगर, दुनिया का तलबगार न हो।
सिर्फ बाजार से गुजरे, पर इस से सरोकार न हो