ये खुली-खुली सी जुल्फें,
इन्हें लाख तुम सँवारो,….
जो मेरे हाथ से सँवरतीं,
तो कुछ और बात होती!!..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ये खुली-खुली सी जुल्फें,
इन्हें लाख तुम सँवारो,….
जो मेरे हाथ से सँवरतीं,
तो कुछ और बात होती!!..