कभी मंदिर पे बैठते हैं कभी मस्जिद पे …!!
ये मुमकिन है इसलिए क्योंकि परिंदों में नेता नहीं होते
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कभी मंदिर पे बैठते हैं कभी मस्जिद पे …!!
ये मुमकिन है इसलिए क्योंकि परिंदों में नेता नहीं होते