कहे जख्मी दिल
आघात अब कोई सह न सकूँगा
रोने का हिम्मत नही ना ही मुस्करा सकूँगा
ना ही घावो को भर सकूँगा
आघात अब न देना कोई सह न सकूँगा।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कहे जख्मी दिल
आघात अब कोई सह न सकूँगा
रोने का हिम्मत नही ना ही मुस्करा सकूँगा
ना ही घावो को भर सकूँगा
आघात अब न देना कोई सह न सकूँगा।