सूरज ढलते ही रख दिये उस ने मेरे
होठो पर होठ … ।। दोस्तों इश्क
का रोजा था और गजब की इफ्तारी थी … !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सूरज ढलते ही रख दिये उस ने मेरे
होठो पर होठ … ।। दोस्तों इश्क
का रोजा था और गजब की इफ्तारी थी … !!