तेरा इश्क़
जब ख़ुशबू बनकर मेरी रूह में महकता है,
तुम
दूर हो कर भी तब कितने क़रीब लगते हो…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तेरा इश्क़
जब ख़ुशबू बनकर मेरी रूह में महकता है,
तुम
दूर हो कर भी तब कितने क़रीब लगते हो…