फिर उसी की तमन्ना,
ऐ दिल,तुझे इज़्ज़त रास नहीं…??
मुझ से हर बार नज़रें चुरा लेती है वो,
मैंने कागज़ पर भी बना के देखी है आँखे उसकी !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
फिर उसी की तमन्ना,
ऐ दिल,तुझे इज़्ज़त रास नहीं…??
मुझ से हर बार नज़रें चुरा लेती है वो,
मैंने कागज़ पर भी बना के देखी है आँखे उसकी !!