महोब्बतों से जाने क्यों यकीन अब तो उठ सा चला है दोस्तों….
वफा भी खाये कसम जिसकी, हमें उस वफा कि तलाश है……
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Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
महोब्बतों से जाने क्यों यकीन अब तो उठ सा चला है दोस्तों….
वफा भी खाये कसम जिसकी, हमें उस वफा कि तलाश है……
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