सड़क पर क्यूँ ले आया तू मोहब्बत के वो घर
उन चौखटों से इश्क की वो अजान कहाँ गयी,
कभी मुस्कुरा लिया करते थे उसको याद कर,
अब उसकी याद में डूबी वो सर्द शाम कहाँ गयी |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सड़क पर क्यूँ ले आया तू मोहब्बत के वो घर
उन चौखटों से इश्क की वो अजान कहाँ गयी,
कभी मुस्कुरा लिया करते थे उसको याद कर,
अब उसकी याद में डूबी वो सर्द शाम कहाँ गयी |