by pyarishayri - Facebook Status, Sad Shayri, Shayari, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - January 3, 2017 मजबूरियां थी मेरी क्या खुब…मजबूरियां थी मेरी..अपनी खुशी…को छोड दिया बस उसे खुश देखने के लिए..