न मेरा एक होगा

न मेरा एक होगा,
न तेरा लाख होगा,
न तारिफ तेरी होगी,
न मजाक मेरा होगा.
गुरुर न कर “शाह-ए-शरीर” का,
मेरा भी खाक होगा,
तेरा भी खाक होगा !!!

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