by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, प्यारी शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्यशायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, शायरी, हिंदी शायरी - November 10, 2016 दब गई थी दब गई थी नींद कहीं करवटों के बीच, दर पे खड़े रहे थे कुछ ख्वाब रात भर।