by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, प्यार, प्यार शायरी, प्यारी शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - August 23, 2016 जेब में कई बार जेब में कई बार हाध डाला कुछ न था शायद किसी मजबूर की आहों का धुवाँ था|