by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, प्यारी शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्यशायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, शायरी, हिंदी शायरी - November 9, 2016 गुनाहों का मौसम है गुनाहों का मौसम है, चलो इक गुनाह करें.. खुल के इक दूजे से हम वफ़ा करें !