by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, प्यारी शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - October 14, 2016 कहीं कहीं तो ज़मीं कहीं कहीं तो ज़मीं आसमाँ से ऊँची है ये राज़ मुझ पे खुला सीढ़ियाँ उतरते हुए..