आ जाओ तुम भी ज़माने की तरह सितम आजमाने के लिए।
अब हमने दिल निकाल के रख दिया है चोट खाने के लिए।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आ जाओ तुम भी ज़माने की तरह सितम आजमाने के लिए।
अब हमने दिल निकाल के रख दिया है चोट खाने के लिए।