मार देँ एक दफ़ा ही,
नशीला सा कुछ खिला के…
क्यूँ जहर देँ रहे हो,
मोहब्बत मिला मिला के…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मार देँ एक दफ़ा ही,
नशीला सा कुछ खिला के…
क्यूँ जहर देँ रहे हो,
मोहब्बत मिला मिला के…