एक पुत्र ने दो खूबसुरत पंक्तियां लिखी
पिता की मौजदगी सूरज की तरह होती है,
सूरज गरम जरुर होता है पर अगर न हो तो अँधेरा छा जाता है|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
एक पुत्र ने दो खूबसुरत पंक्तियां लिखी
पिता की मौजदगी सूरज की तरह होती है,
सूरज गरम जरुर होता है पर अगर न हो तो अँधेरा छा जाता है|