मेरी दहलीज़ पर आ कर रुकी है..हवा_ऐ_मोहब्बत,
मेहमान नवाज़ी का शौक भी है उजड़ जाने खौफ भी…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मेरी दहलीज़ पर आ कर रुकी है..हवा_ऐ_मोहब्बत,
मेहमान नवाज़ी का शौक भी है उजड़ जाने खौफ भी…