पहचान कहाँ हो पाती है, अब इंसानों की!!
अब तो गाड़ी, कपडे और जूते लोगों की औकात तय करते है!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
पहचान कहाँ हो पाती है, अब इंसानों की!!
अब तो गाड़ी, कपडे और जूते लोगों की औकात तय करते है!!!