छू जाती है वो मुझे कितनी ही दफ़ा ख्वाब बनकर….
ये दुनिया तो खामखां कहती है कि वो मेरे नसीब में नहीँ..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
छू जाती है वो मुझे कितनी ही दफ़ा ख्वाब बनकर….
ये दुनिया तो खामखां कहती है कि वो मेरे नसीब में नहीँ..!!