तकदीरें बदल जाती हैं जब
ज़िंदगी का कोई मकसद हो,
वरना ज़िंदगी कट ही जाती है
तकदीरों को इल्ज़ाम देते देते!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तकदीरें बदल जाती हैं जब
ज़िंदगी का कोई मकसद हो,
वरना ज़िंदगी कट ही जाती है
तकदीरों को इल्ज़ाम देते देते!