फिरदोस-ए-जन्नत में लाख हूरों का तस्सवुर
सही….
इक इंसान के इश्क़ से निकलु तो वहाँ का भी
सोचूँगा ….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
फिरदोस-ए-जन्नत में लाख हूरों का तस्सवुर
सही….
इक इंसान के इश्क़ से निकलु तो वहाँ का भी
सोचूँगा ….