नादान है बहुत जरा तुम ही समझाओ यार उसे..
कि यूँ ” खत” को फाड़ने से मोहब्बत कम नहीं होती..!”
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
नादान है बहुत जरा तुम ही समझाओ यार उसे..
कि यूँ ” खत” को फाड़ने से मोहब्बत कम नहीं होती..!”