पानी ने भी क्या अजीब खेल रचाया है…..!
“जिसके खेत सूखे-सूखे से थे
“पानी” उसी की आखों में नज़र आया है….!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
पानी ने भी क्या अजीब खेल रचाया है…..!
“जिसके खेत सूखे-सूखे से थे
“पानी” उसी की आखों में नज़र आया है….!