ख्त्म कर दी थी जिन्दगी की हर खुशियाँ तुम पर कभी फुर्सत मिले तो सोचना मोहब्बत किसने की थी|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ख्त्म कर दी थी जिन्दगी की हर खुशियाँ तुम पर कभी फुर्सत मिले तो सोचना मोहब्बत किसने की थी|