आज समझ ले
कल ये मौका हाथ ना तेरे आएगा
ओ गफलत की नींद में सोने वाले कल पछतायेगा
चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आज समझ ले
कल ये मौका हाथ ना तेरे आएगा
ओ गफलत की नींद में सोने वाले कल पछतायेगा
चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा|