साँसों का टूट जाना तो दस्तूर है…
कुदरत का……
जिस मोड़ पर अपने बदल जाये….
उसे मौत कहते है.
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
साँसों का टूट जाना तो दस्तूर है…
कुदरत का……
जिस मोड़ पर अपने बदल जाये….
उसे मौत कहते है.